सब *पसमंज़र सामने आने
लगे
सारे रास्ते ख़ुद को
दोहराने लगे
बहाव को बना रखी है
मंज़िल
किनारे जबसे नईया
डुबाने लगे
नाम उन्होंने बताया अपना 'शमा'
फूंककर फिर चराग़ बुझाने लगे
कबतक लड़ता अकेले काली रात
से
जुगनू मिलके सूरज उगाने लगे
समझ लीजिये ख़्वाब में चल
रहे होंगे
सोते हुए पसीना जो आने लगे
उन्होंने जो की चाँद की
ख़्वाहिश
फ़क़ीर आइना उनके रुख घुमाने
लगे
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