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Showing posts from March, 2012

CREATIVITY

ऑफिस के AC कमरे में सोने के पिंजरें में चूरण बेंच रहे हैं. ATTITUDE के साथ CREATIVITY की चिता पर रोटी सेंक रहे हैं. SELF - MADE COCOON के अन्दर हम - से कुछ कूप - मंड़ूप ... गट गट घमंड पी रहे हैं... मूत रहे हैं. ख़ुद को सरापा जलाकर जो थोडा सा राख पैदा हुआ उसकी रौशनी में इतराकर सूरज पर थूक रहे हैं. और बाहर..... एक मदमस्त फकीर लांघकर हर लकीर लिख गया दीवार पर: "आज रात अमावास होगा. चाँद को रख लिया है दिल में छत से उतारकर........"

भ्रष्टाचार

अब अपने शहर में भी मॉल खुलेगा. दुनिया भर का जिसमें माल मिलेगा. डॉलर ने खरीद ली गरीब की क़िस्मत. ... कौड़ी लगायी गयी है झोपड़ी की क़ीमत. मॉल में ही अब मिलेगी भाजी तरकारी. PACKAGED होगी अब दुनिया हमारी. मंगू की ठेले पर लाश मिली है. मुठ्ठी में ज़ब्त, बची हुई पोटाश मिली है. सब्ज़ी मंडी बंद हो गयी होने दो. भूखे नंगे रो रहे हैं रोने दो. मंगू में अपना हश्र देख रहे हैं कई मंगू.... लाशें लाश ढो रहीं हैं ढोने दो. हिन्दुस्तान की ये तरक्की... ज़िन्दाबाद बंद हो गयी आटा चक्की.... ज़िन्दाबाद ग़रीब मर गया, कम हुई ग़रीबी... ज़िन्दाबाद बदनसीबी में छुपी ख़ुशनसीबी... ज़िन्दाबाद बस्ती चीखती है दिन रात... ज़िन्दाबाद सरकारी हाथ है आपके साथ.... ज़िन्दाबाद हवा पे टैक्स, पानी पे टैक्स, ज़मीं पे टैक्स ख़ाब पे टैक्स, उम्मीद पे टैक्स, यक़ीं पे टैक्स आपका पैसा खा गया खादी वाला उसका टैक्स बोफोर्स, ताबूत, .2G, CWG घोटाला उसका टैक्स मूर्तियों से पाट दिया गाँव शहर उसका टैक्स गाँधी का, गाँधी (रुपया) पे है बुरी नज़र... उसका टैक्स शक़ल गयी है दादी और बाप पर... उसका टैक्स पगड़ी अगली बंधेगी उसके सर.... उसका टैक