कहीं नहीं था तू फिर भी था हरसू ताशब
तुझमें ग़ुम था मैं मुझमें ग़ुम था तू ताशब
तुझमें ग़ुम था मैं मुझमें ग़ुम था तू ताशब
कल रात कंटीले बाड़ों में फँस गया था चाँद
ज़ख्म से बूँद बूँद टपकता रहा जुगनू ता-शब
ज़ख्म से बूँद बूँद टपकता रहा जुगनू ता-शब
नूर टूट के बहा हर सिम्त इत्र के लहजे में
जुगनू दर-ब-दर फैलाता रहा खुशबू ता-शब
जुगनू दर-ब-दर फैलाता रहा खुशबू ता-शब
दाग़ उसके चेहरे पर बहुत फबते हैं
बेख़बर चाँद सोया रहा मेरे रू-ब- रु ताशब
बेख़बर चाँद सोया रहा मेरे रू-ब- रु ताशब
सबा उड़ा ले गयी उसका नक़ाब सोते हुए
दिन ही दिन बिखरा रहा कू-ब-कू ताशब
दिन ही दिन बिखरा रहा कू-ब-कू ताशब
अब उसे दिल में छुपाना मुमकिन नहीं फ़क़ीर
आईना देखा गोया उसे देखा हू-ब- हू ताशब
आईना देखा गोया उसे देखा हू-ब- हू ताशब
Comments
Post a Comment