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तुम आ जाती हो

तुम आ जाती हो
तो हर *सूरत में दुनिया *In each & every situation
खूब सूरत ही दिखती है

ये *मुद्रा – स्फीति… *Inflation
लगती है तेरे
दुपट्टे के ढलकने सी

सेंसेक्स का गिरना उछलना
तेरी पलकों का झुकना,
झुक के उठना

छुप के देखना
फिर अनजान बन जाना
जैसे पाकिस्तान का
दाऊद को छुपाना

ज़िन्दगी की हर उलझन
तुम्हारी ज़ुल्फ़ें सुलझाते सुलझाते
सुलझने सी लगती है

तुम आ जाती हो
तो हर सूरत में दुनिया
खूब सूरत ही दिखती है

दाल की महंगाई से बेफिकर
सोचता हूँ तन्हाई में बेसबर
प्यार की पींगें कैसे बढ़ाएं
अपनी दाल कैसे गलाएं

वो जो कॉरिडोर में
तुम्हारा रूमाल पाया था
तुम्हारी *मिल्कियत *Possession
तुम्हीं से छुपाया था

साहित्य अकादमी के अवार्ड सा
लौटा दूँ क्या
पर पहले रूमाल की *तह में *Layer
अपना दिल छुपा दूँ क्या

लव जिहाद टू
जिहाद लव
इनके बारे में सोचने की
फुरसत है कब

बस तुम्हारी यादों में मसरूफियत
दिल को मंज़ूर है
*निष्क्रिय पड़ा है UN सा *Inactive
हर मामले से दूर है

गैर के साथ देख तुम्हें
दिल की हसरत
सांप्रदायिकता सी सुलगती है

तुम आ जाती हो तो
हर सूरत में दुनिया
खूब सूरत ही दिखती है

ज़ात पात के मारे
ये जो हैं दो नैन बेचारे
आओ इन्हें दीन ए इलाही सिखलाएं
नज़रों में नज़रों से गाठें लगाएं

यह दो *अबरूओं के बीच *Eyebrows
झिलमिलाती सी सुफ़ेद बिंदी
सरहदों पे लगा हो सीज़फ़ायर
अमन की जैसे सुफ़ेद झंडी

तुझसे मिलने की लॉलीपॉप दिखाकर
दिल मुझे बहला फुसलाकर
दिखा रहा तेरे घर का रस्ता

टेररिस्ट है साला
ज्वाइन किया हो जैसे
कोई आत्मघाती दस्ता

मेरी हर बचकानी हरकत पर
तुम्हें एक नज़र देखने की हसरत पर

तुम जो हंस देती हो तो
*दरम्यां हर दीवार *Between
बर्लिन की दीवार सी
पिघलने लगती है

तुम आ जाती हो तो
हर सूरत में दुनिया
खूब सूरत ही दिखती है

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मुझसे तेरी खुशबू आती है......

तुम्हारा ज़िक्र लबों पर दबा लेता हूँ तुम्हारा रुख पलकों में छुपा लेता हूँ साँसों में सरगोशी भी है चुप चुप सी, धीमी धीमी धड़कने भी चलती हैं अब दबे क़दमों से, थमी थमी बचा रहा हूँ तुम्हें छिपा रहा हूँ तुम्हें दुनिया से, रुसवाई से कभी कभी अपनी ही परछाई से लेकिन ख़्वाब में तुझसे बातें करने की आदत अक्सर मुझे डराती है अब दिल में छुपाना मुमकिन नहीं मुझसे तेरी खुशबू आती है. मुझसे तेरी खुशबू आती है.

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