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वक़्त यहीं पे थम जायेगा


अपनी उँगलियों के नाज़ुक दस्ताने
मेरे हाथों में रहने दो

बेलफ्ज़ कर दो लब अपने
आँखों को अब कहने दो

मैं हूँ 'तुम', तुम हो 'मैं'
चूम लूं मैं अब - लब अपने दो

बहता लम्हा जम जायेगा
वक़्त यहीं पे थम जायेगा ------- 1.

इश्क़  में लज्ज़त आएगी
लम्स को लम्स चखने दो

साँसों की धीमी आंच पर
मद्धम - मद्धम पकने दो

दुनिया से छुपाके इश्क़ मिठाई
दिल की आड़ में रखने दो

बहता लम्हा जम जायेगा
वक़्त यहीं पे थम जायेगा ------- 2.

ओढ़ लूं तुमको सरापा मैं
आगोश का कम्बल ढकने दो

अपने सांचे में थाम मुझे
तुम-सा मुझको दिखने दो

खुद को रख दूं गिरवी मैं
जो अपने पास रखने दो

बहता लम्हा जम जायेगा
वक़्त यहीं पे थम जायेगा ------- 3.

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तुम्हारा ज़िक्र लबों पर दबा लेता हूँ तुम्हारा रुख पलकों में छुपा लेता हूँ साँसों में सरगोशी भी है चुप चुप सी, धीमी धीमी धड़कने भी चलती हैं अब दबे क़दमों से, थमी थमी बचा रहा हूँ तुम्हें छिपा रहा हूँ तुम्हें दुनिया से, रुसवाई से कभी कभी अपनी ही परछाई से लेकिन ख़्वाब में तुझसे बातें करने की आदत अक्सर मुझे डराती है अब दिल में छुपाना मुमकिन नहीं मुझसे तेरी खुशबू आती है. मुझसे तेरी खुशबू आती है.

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