सुनो! मैं बादलों के बादलों से लब लड़ाऊंगा
यही ज़िद है कि अब आब से मैं आग पाऊंगा
मुझे तुम छोड़ के जो जा रहे हो तो चलो जाओ
करूंगा याद ना तुमको, मगर मैं याद आऊंगा
थमाया हाथ उसके एकदिन शफ्फाक आईना
मिरा वादा था उससे चांद हाथों पर-सजाऊंगा
ज़रा देखूं कि अब भी याद आता हूं उसे मैं क्या
कि अपनी मौत की अफवाह यारों मैं उड़ाऊंगा
लड़ाऊं आंख से मैं आंख, वादा था मिरा उसको
अजी पानी नहीं जानां, मैं मय में मय मिलाऊंगा
बदन शीशे का तेरा और संगदिल भी तुही जानां
तुझे तुझसे बचाऊं तो भला कैसे बचाऊंगा
यही ज़िद है कि अब आब से मैं आग पाऊंगा
मुझे तुम छोड़ के जो जा रहे हो तो चलो जाओ
करूंगा याद ना तुमको, मगर मैं याद आऊंगा
थमाया हाथ उसके एकदिन शफ्फाक आईना
मिरा वादा था उससे चांद हाथों पर-सजाऊंगा
ज़रा देखूं कि अब भी याद आता हूं उसे मैं क्या
कि अपनी मौत की अफवाह यारों मैं उड़ाऊंगा
लड़ाऊं आंख से मैं आंख, वादा था मिरा उसको
अजी पानी नहीं जानां, मैं मय में मय मिलाऊंगा
बदन शीशे का तेरा और संगदिल भी तुही जानां
तुझे तुझसे बचाऊं तो भला कैसे बचाऊंगा
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