नज़रों के नहीं जुड़ते हैं तागे देखो देखो, अबकि मुझे जिस्म से आगे देखो एक सपना आकर लेट गया बगल में कहता है अब मुझे जागे जागे देखो मैं मर न गया तो फिर तुम बोलना ज़रा एकबार अपनी क़सम खाके देखो प्यादा हूँ तो यूं क़ुर्बान न करो मुझको वज़ीर बन जाऊंगा आज़मा के देखो बंधे हाथ तैराने के बाद, हाकिम ने कहा इस परकटे को पहाड़ से उड़ाके देखो अमावस की रात जो वो आये छत पे फिर तुम चाँद को चाँद के बहाने देखो दिल्ली दिलरुबा सी होने लगी है, यानी बिछड़ने वाले हैं दो दीवाने देखो वो जो उनसे न मिल सके, खुश हैं फ़क़ीर वो जो ख़ुश हैं, कितने हैं अभागे देखो