अपने गुनाहों के लिए मुझे माफ़ करता रहा
यूं वो क़ातिल लहू से लहू साफ करता रहा
यूं वो क़ातिल लहू से लहू साफ करता रहा
उसके ख़िलाफ़ मैने सुनी नहीं कभी अपनी भी
कि ख़ुद के ही ख़िलाफ़ ख़ुद ये ग़ुनाह करता रहा
कि ख़ुद के ही ख़िलाफ़ ख़ुद ये ग़ुनाह करता रहा
उसका हुस्न, किसी कंजूस की दौलत चिल्लरों में
खर्च क्या करता, ताउम्र बस कि हिसाब करता रहा
खर्च क्या करता, ताउम्र बस कि हिसाब करता रहा
हथेलियां जला लीं जिस चराग़ को बचाने में फ़क़ीर
साज़िशन वही, हवा मेरे ख़िलाफ़ करता रहा
साज़िशन वही, हवा मेरे ख़िलाफ़ करता रहा
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