समंदर
को कितना गुरूर है अपनी रवानी पर
कोई तस्वीर देर तक टिकती नहीं है पानी पर
कोई तस्वीर देर तक टिकती नहीं है पानी पर
प्यादा
बन सकता है बादशाह एक सब्र के बाद
कहीं किरदार ही भारी न पड़ जाए कहानी पर
कहीं किरदार ही भारी न पड़ जाए कहानी पर
लाली
पाउडर होते हैं जैसे दाग धब्बों पे
दौलत का भी बस वही है असर बेईमानी पर
दौलत का भी बस वही है असर बेईमानी पर
काटकर
हाथ उसने सोचा ज़ुबान मेरी काट ली
कागज़ बोलते हैं मेरी ही कलम की ज़ुबानी पर
कागज़ बोलते हैं मेरी ही कलम की ज़ुबानी पर
सोचता
था उसके बग़ैर दुनिया अंधेरी रह जाएगी
चाँद को देख पशेमां सूरज, जा गिरा पानी पर
चाँद को देख पशेमां सूरज, जा गिरा पानी पर
फ़क़ीर
बिगड़ गया है, बारहा बोलती है ये दुनिया
भलो की भला दुनिया, हुई है कब दीवानी पर
भलो की भला दुनिया, हुई है कब दीवानी पर
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