कोई उदास है किसी की वो खुशी है
मुक़म्मल ज़िंदगी की जैसे इक कमी है
मुक़म्मल ज़िंदगी की जैसे इक कमी है
सड़कें बिछाके सो गया, गहरी है नींद भी
आंख में ख़ाब नहीं, वो कितना धनी है
आंख में ख़ाब नहीं, वो कितना धनी है
क्यों किसी ग़रीब की ले रहा है जान
ख़ुदा नहीं है तू, कि बस एक आदमी है
ख़ुदा नहीं है तू, कि बस एक आदमी है
नब्ज़ देख मरीज़ की बोला चारागार
बीमार में एहसास की सख्त कमी है
बीमार में एहसास की सख्त कमी है
माँ की आँख का समंदर रहता है उफान पे
बाप की आंख की नदी जम सी गयी है
बाप की आंख की नदी जम सी गयी है
सब देखके भी खामोश रहना, ग़लत नहीं है पर
इतना 'गलत न होना' भी, कहाँ 'सही' है
इतना 'गलत न होना' भी, कहाँ 'सही' है
तुमने जहाँ छोड़ा था, वहीं रुक गया राह सा
इक सफ़र-सी उम्र, मुझसे गुज़र रही है
इक सफ़र-सी उम्र, मुझसे गुज़र रही है
गर्दन से बंधा पुराना कैलेंडर लटकता हुआ
नाकाम वक़्त की दरअसल खुदकुशी है
नाकाम वक़्त की दरअसल खुदकुशी है
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