आंसू पे गुस्से की परत चढ़ाता हूँ
मैं अक्सर आग से पानी बुझाता हूँ
मैं अक्सर आग से पानी बुझाता हूँ
जिक्र तेरा भी है मेंरी कहानी में, सो
कहानी को बस कहानी बताता हूँ
कहानी को बस कहानी बताता हूँ
क़दमों के आगे सर न झुका पाऊंगा
ले तेग़ के आगे गर्दन झुकाता हूँ
ले तेग़ के आगे गर्दन झुकाता हूँ
तेरी जीत में जीत है मेरी इसलिये
जीतते जीतते मैं हार जाता हूँ
जीतते जीतते मैं हार जाता हूँ
गोली चलाता हूँ मैं सय्याद से पहले
बेख़बर सभी परिंदों को जगाता हूँ
बेख़बर सभी परिंदों को जगाता हूँ
ख़ाली कश्ती भी लग गयी किनारे
मुझे गुरूर था कश्ती मैं चलाता हूँ
मुझे गुरूर था कश्ती मैं चलाता हूँ
दोस्ती तोड़ ली है उसने जबसे फ़क़ीर
उसको बस एक अच्छा दोस्त बताता हूँ
उसको बस एक अच्छा दोस्त बताता हूँ
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