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सवाल ऐसा कि जो लाजवाब कर दे

जवाब भी कुछ यूं कि बेताब कर दे

ज़िन्दगी ने मुझे खाली हाथ लौटाया है

ऐ मौत! आ तू भी मेरा हिसाब कर दे

ये कहानी तो आईने सी लगती है

मेरे ही रु ब रु मुझे न ये किताब कर दे

मेरी ज़िद है कि न पिएंगे, दर्द सहेंगे

ख़ुदा! अब तू ही पानी को शराब कर दे

हम ही सदा सजदे में झुकाते हैं सर

ख़ुदा बंदा न हो जाए जो आदाब कर दे

एक बार मरूं , कि मर - मर के मरूं

मौत या ज़िन्दगी, तूही इन्तख़ाब कर दे

ख़्वाब ज़रा सोच समझकर देख फ़क़ीर

जाने कौन सा तेरी नींद खराब कर दे

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मदारी

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