मसरूफियत भी क्या खूब दवा है यारों,
उसे भी भूल जाता हूँ लम्हे दो लम्हें के लिए.
'ज़िन्दगी' है मेरी इस क़दर ख़ूबसूरत,
कमउम्र भी परीशां हैं उसपे मरने के लिए.
वो सर -ता- पाँ है अलग अलग तजर्बा,
इक उम्र कम पड़ेगी उसे समझने के लिए.
डूबने दे मुझे झील सी आँखों में साक़ी,
बड़ी महफूज़ जगह है ख़ुदकुशी करने के लिए.
एक पंखुड़ी से खाया है ख़ार ने वो ज़ख्म,
पूरी उम्र भी कम पड़ेगी जिसे भरने के लिए.
खैरख्वाहों ने समझाया 'ये लत है जानलेवा',
अमां कौन जीता है यहाँ मगर संभलने के लिए.
तमन्ना क्या है, कोई परवाना है 'फ़कीर',
बेताब रहता है जलों से जलने के लिए.
उसे भी भूल जाता हूँ लम्हे दो लम्हें के लिए.
'ज़िन्दगी' है मेरी इस क़दर ख़ूबसूरत,
कमउम्र भी परीशां हैं उसपे मरने के लिए.
वो सर -ता- पाँ है अलग अलग तजर्बा,
इक उम्र कम पड़ेगी उसे समझने के लिए.
डूबने दे मुझे झील सी आँखों में साक़ी,
बड़ी महफूज़ जगह है ख़ुदकुशी करने के लिए.
एक पंखुड़ी से खाया है ख़ार ने वो ज़ख्म,
पूरी उम्र भी कम पड़ेगी जिसे भरने के लिए.
खैरख्वाहों ने समझाया 'ये लत है जानलेवा',
अमां कौन जीता है यहाँ मगर संभलने के लिए.
तमन्ना क्या है, कोई परवाना है 'फ़कीर',
बेताब रहता है जलों से जलने के लिए.
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