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दो दीये ज़्यादा जलाओ:

दो दीये ज़्यादा जलाओ:

उस अंधी झोपडी के लिए
बिजली जिसके लिए
कोई सरकारी वादा है.
...
उस काली गली के लिए
जिसमें अक्सर गिरते हैं लोग
उसे इसकी ज़रुरत ज़्यादा है.

दो दीये ज़्यादा जलाओ:

उस नन्ही सी जान के लिए
जिसे मुफलिसी की बीमारी है
कैंसर की इनायत है उसपर
आज़ादी की तैयारी है.

उस छोटे हरिया के लिए
दिवाली के बाद, जिसकी दिवाली होगी
चिथड़ों में ढूंढेगा पटाखे वो
पेट - सा जेब न ख़ाली होगी.

दो दीये ज़्यादा जलाओ:

क्योंकि सबसे बुरा है
उम्मीदों का मर जाना
ये दीये हमें सिखलाएंगे
रात के सीने पर लहराना

दो दीये ज़्यादा जलाओ:

भटकी उम्मीद को जो
घर का रस्ता दिखलाएंगी
कामयाबी भी आएगी दर तक
संग खुशियों को भी लाएगी.....

दो दीये ज़्यादा जलाओ.....

Comments

  1. भटकी उम्मीद को जो
    घर का रस्ता दिखलाएंगी
    कामयाबी भी आएगी दर तक
    संग खुशियों को भी लाएगी.....
    Bahut hee badhiya!

    ReplyDelete

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