एक नजूमे ने कहा था
इन्हीं हाथों की लकीरों में
दुनिया तमाम है.
यही तेरे सफ़र की
इब्तिदा है
रास्ता है
मक़ाम है.
मैंने महसूस किया है
जबसे वो मिलने लगी है
मेरी हथेलियों पर
एक नयी लकीर उभरने लगी है.
इन्हीं हाथों की लकीरों में
दुनिया तमाम है.
यही तेरे सफ़र की
इब्तिदा है
रास्ता है
मक़ाम है.
मैंने महसूस किया है
जबसे वो मिलने लगी है
मेरी हथेलियों पर
एक नयी लकीर उभरने लगी है.
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